सिघु सीमा पर हुए दलित हत्याकांड कर मुख्यमंत्री चन्नी क्यूँ हैं चुप?: राज कुमार अटवाल
भारतीय जनता पार्टी, पंजाब के अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राज कुमार अटवाल ने दिल्ली-हरियाणा की सिंघु सीमा पर किसान आन्दोलन स्थल की मुख्य स्टेज ठीक पीछे की गई तरनतारन के रहने वाले दलित नौजवान लखबीर सिंह की दिल दहलाने वाले तालिबानी तरीके से की गई हत्या पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि इस घटना ने अफगानिस्तान में तालिबान द्वारा की जा रही बर्बरता का मंज़र ताज़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि आज तक पंजाब के मुय्ख्य्मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी जो कि खुद भी दलित समुदाय से ताल्लुक रखते हैं, इस घटना पर चुप क्यूँ हैं? कांग्रेस द्वारा अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए किसान आन्दोलन को भड़काया गया और वहां किसानों द्वारा की जा रही हिंसक कार्यवाइयों पर कोई भी कांग्रेसी नेता नहीं बोलता। राहुल गाँधी, प्रियंका गाँधी, भूपेश बघेल, चरणजीत चन्नी व नवजोत सिद्धू अपनी राजनीति चमकाने के लिए लखीमपुर में डेरे डाल कर बैठे रहे और करोड़ों रूपये बांटते रहे। लेकिन इन कांग्रेसियों को अपने कांग्रेस शासित राज्यों में घटित हो रही घटनाएं नजर नहीं आती?
राज कुमार अटवाल ने कहा कि अराजक तत्वों द्वारा इसे बेअदबी के साथ जोड़ कर हत्या करने की बात कही जा रही है। भाजपा बेअदबी की किसी भी घटना का किसी भी तरह समर्थन नहीं करती। भाजपा पहले हुए बेअदबी के मामलों में आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी और सख्त से सख्त सजा की माँग पहले भी करती आई है और आज भी करती है। अटवाल ने कहा कि घटना कितनी भी संगीन क्यूँ ना हो, किसी को भी किसी की हत्या करने के हक नहीं है। कानून को हाथ में लेने का किसी को भी अधिकार नहीं है।
राज कुमार अटवाल ने कहा कि दलितों पर देश के कांग्रेस शासित राज्यों में सबसे ज्यादा अत्याचार के मामले सामने आ रहे हैं और वहीँ पर दलितों का किसी न किसी रूप में निशाना बनाया जा रहा है। अटवाल ने कहा कि पिछले एक वर्ष के दौरान दिल्ली सीमा पर चल रहे किसान आन्दोलन में दिल्ली के लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज के अपमान, पुलिस की मारपीट, पश्चिम बंगाल से आई नवयुवती के साथ किसान आन्दोलन के लोगों द्वारा जबरन बलात्कार और उसकी मौत, आन्दोलन स्थल के आस-पास के इलाकों से दर्जनों नाबालिग लड़कियों का गायब होना सहित कई अन्य घटनाएं अंजाम दी जा चुकी हैं। और जब भी इस मामले में किसान नेताओं से सवाल किए जाते हैं तो वह उन मामलों को अर्जक तत्वों द्वारा अंजाम दिया बता कर उससे अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता हमेशा किसान आन्दोलन शान्तमय होने के दावा करते नहीं थकते, जबकि इसका असली हिंसात्मक चेहरा कई बार देश की जनता के सामने आ चुका है।
राज कुमार अटवाल ने कहा कि किसान आन्दोलन में घटित होने वाले हर घटना की सीधे जिम्मेवारी संयुक्त किसान मोर्चा के इन किसान की बनती है। पहले हो चुकी घटनाओं व दलित नौजवान लखबीर सिंह की हत्या की जिम्मेवारी से यह किसान नेता भाग नहीं सकते, इन किसान नेताओं को इसका जवाब देना पड़ेगा। अटवाल ने सरकार व प्रशासन से डाली हत्याकांड के पीछे की मंशा सबके सामने लाने तथा हत्या के आरोपियों को सख्त से सख्त सज़ा देने की भी माँग की।